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श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छात्रों ने शपथ ली। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों, संकाय सदस्यों तथा कर्मचारियों में संविधान के मूल्यों-न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को और अधिक सुदृढ़ करना था। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के पथरीबाग, आईटीएस एवं मेडिकल सहित तीनों कैम्पस में एक साथ आयोजित किया गया।
इस अवसर पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे संविधान में निहित समानता, बंधुत्व और सेवा के मूल्यों को समाज में प्रसारित करने के लिए सदैव तत्पर रहें।
कार्यक्रम माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रथपन के. पिल्लई और कुलसचिव डॉ. लोकेश गम्भीर के दिशा-निर्देशन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) मालविका सती कांडपाल ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम् के सामूहिक वाचन से हुई। उपस्थित छात्रों, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों ने एक स्वर में राष्ट्र के प्रति सम्मान और संविधान के सम्मान में शपथ ली। इसके बाद सभी उपस्थितों को संविधान की प्रस्तावना के आधार पर संवैधानिक शपथ दिलाई गई, जिसमें सभी ने राष्ट्र की एकता, अखंडता, समानता एवं न्याय की भावना को बनाए रखने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का आयोजन विश्ववि़द्यालय की छात्र परिषद द्वारा किया गया।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रथपन के. पिल्लई ने कहा कि संविधान केवल देश का सर्वोच्च दस्तावेज नहीं, बल्कि हर नागरिक के अधिकारों और कर्तव्यों का आधार है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे संविधान के सिद्धांतों को अपने जीवन और व्यवहार में अपनाएं।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. लोकेश गंभीर ने कहा कि यह दिवस हमें अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जिम्मेदारी निभाने की याद दिलाता है। उन्होंने छात्रों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) मालविका सती कांडपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय सदैव छात्रों के सर्वांगीण विकास और उनके संवैधानिक बोध को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह युवाओं को राष्ट्रनिर्माण में उनकी सक्रिय भूमिका की याद दिलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग रहें।
कार्यक्रम के अंत में आयोजन समिति ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय चेतना, एकता और संवैधानिक मूल्यों का विस्तार होता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकों समेत सैकड़ों छात्रों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।